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पुस्तक विवरण
बदलाव की आवाज़
पुस्तक का संक्षिप्त परिचय
"बदलाव की आवाज़" दो शक्तिशाली कहानियों का संग्रह है जो हमारे समय की सबसे महत्वपूर्ण चुनौतियों को छूता है। लेखक एम. प्रताप सिंह ने पर्यावरण संरक्षण और नागरिक जिम्मेदारी के विषयों को इतनी सरलता और गहराई से प्रस्तुत किया है कि हर पाठक अपने जीवन में इसकी छाप महसूस करेगा।
पहली कहानी: धरती का मुकदमा
जब प्रकृति ने इंसानियत पर मुकदमा ठोक दिया...
एक हाथी न्यायालय में वकील बनकर खड़ा है। उसके साथ व्हेल, भेड़िया और उल्लू हैं—सभी धरती की पीड़ा की गवाही देने के लिए। सामने खड़ा है देश का सबसे तेज़ वकील अरविंद माथुर, जो मानवता का बचाव करने आया है।
यह सिर्फ़ एक कानूनी लड़ाई नहीं—यह अस्तित्व का सवाल है। क्या विकास के नाम पर प्रकृति का विनाश जायज़ है? क्या न्यायाधीश का फैसला दुनिया का भविष्य तय कर देगा?
एक ऐसी अदालत जहाँ न्याय की परिभाषा ही बदल जाती है।
दूसरी कहानी: गली का चिराग
एक टूटा लैंप। एक अंधेरा कोना। और एक आदमी जिसने सब कुछ बदल दिया।
राजपुर कस्बे का हर व्यक्ति बरगद के पेड़ के पास टूटे स्ट्रीटलैंप से परेशान था। सभी शिकायत करते, सरकार को कोसते, लेकिन कोई कुछ नहीं करता था।
फिर एक दिन रवि मास्टर ने अपनी जेब से छह सौ रुपए निकाले और एक ऐसा काम किया जिसने पूरे समुदाय की सोच बदल दी।
यह सिर्फ़ एक लैंप की कहानी नहीं—यह उस बदलाव की कहानी है जो तब आता है जब एक व्यक्ति शिकायत करना छोड़कर समाधान करना शुरू कर देता है।
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