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मैं अपनी अभिव्यक्ति आज के आधुनिक समाज को समर्पित करता हूं। मेरी कहानियां समाज की कुरीतियों पर अधारित हैं। कहानियों की भाषा सरल और आज की बोलचाल की भाषा हैं, जिसमें दूसरी भाषायों के प्रचलित शब्दों का भी समावेष है। यह मैंनें आज की युवा पीढी और समाज के हर आम व्यक्ति को ध्यान मैं रखकर किया है, ताकि कहानी पढने के समय उन्हे शब्दकोष का सहारा न लेना पढे। इसी कारण भाषा को सरल रखा गया है। कहानी की शैली और शिल्प को किसी साहित्यिक नियमों और सीमाऔं में नहीं बांधा है। आम व्यक्ति की अभिव्यक्ति जनता समझ सके, यही साधारण सा प्रयास है। मेरी लिखाई एक आम व्यक्ति समझ सके और उसके दिल के किसी भी कोने में समा सके, इसी प्रयास से कथासागर अभिव्यक्ति भाग -1 में अपने विचारों को कहानियों के रूप में आपको समर्पित करता हूं।
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