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धर्म आत्मा है कर्म शरीर है

Mohi Nayyar
Type: Print Book
Genre: Religion & Spirituality
Language: Hindi
Price: ₹490 + shipping
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Description

धर्म क्या है? कर्म क्या है? क्या धर्म और कर्म एक दूसरे के पर्यायवाची हैं? कर्म धर्मपालन का साधन हैं. प्रत्येक कर्म धर्म पालन का साधन नहीं है. क्यों? इस सृष्टि के सभी तत्व, जड़ और चेतन, एक धर्म का पालन करते हैं. वह धर्म है सृष्टि धर्म. सभी ग्रह, उपग्रह, और अन्य भौतिक तत्व अपना अपना धर्म निर्वाह निस्वार्थ और निष्पक्ष भाव से निभाते हैं. परम ब्रह्म के निर्गुण और सगुण रूप जिस धर्म का पालन करते हैं, वह सृष्टि धर्म है.

इस सृष्टि में मानव जाति कई पंथों, मतों, और सम्प्रदायों की शिक्षाओं और विश्वासों का पालन करती है. क्या वे पंथ, मत, और सम्प्रदाए धर्म कहला सकते हैं? क्या सनातन धर्म सृष्टि धर्म है? धर्म नष्ट नहीं होता. क्यों? धर्म आत्मा है. कर्म नष्ट होता है. क्यों? कर्म शरीर है.

About the Author

मोही नैय्यर का जन्म पंजाब के जिला जालंधर में एक परिश्रमरत मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ. रूड़की विश्वविद्यालय से अभियंता बनकर एक विश्व विख्यात अभियंता के रूप में कई सम्मान प्राप्त कर चुके हैं. उनके द्वारा लिखे तकनीकी मान्य ग्रन्थ विश्व में अभियन्ताओं का मार्ग दर्शन कर रहे हैं. उनका पूरा नाम महेन्द्र लाल नैय्यर है.

Book Details

Number of Pages: 287
Dimensions: 6"x9"
Interior Pages: B&W
Binding: Paperback (Perfect Binding)
Availability: In Stock (Print on Demand)

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