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जादू किसे अच्छा नहीं लगता है ?
बच्चे, बड़े व बुजुर्ग- सभी को जादू पसंद होता है। जबकि बड़े जानते कि इस जादूवादू कुछ नहीं होता है। यह सब हाथ की सफाई होती है। जादूगर अपनी कला द्वारा असत्य को सत्य करके दिखा देता है।
ठीक वैसे जादू भरी कहानी सभी को पसंद आती है। यही कारण है कि इतिहास में परियों वाली, जादू भरी, अजीबोगरीब, रहस्यरोमांच आदि की कहानियां आज भी पाठकों द्वारा पसंद की जाती है।
कहानियों का जादू ही ऐसा होता है जो सभी के सिर चढ़कर बोलता है। आनंद देता है। बस एक बार आप पढ़ने की आदत लग जाए। पुराने समय में कहानी पठन-पाठन मनोरंजन, आनंद व समय व्यतीत करने का एक तरीका था। दादीनानी को हजारों कहानियां मुँहजबानी याद होती थीं।
कहानीकार यह जादू आजकल की सिर चढ़कर बोलता है। यही वजह है कि आज भी अच्छी फिल्में बहुत पैसा कमाती है। ये अपनी कहानी के साथ-साथ बेहतर प्रस्तुति, अभिनव, साजसज्जा और कल्पना शक्ति के बल पर दर्शनीय हो जाती है।
दादीनानी भी यही करती थीं। वे कहानी सुनाते समय अपने अभिनव- आंख, हाथ व चेहरे के उतार-चढ़ाव द्वारा कहानी को रहस्य, रोमांच व आनंद से भरपूर बना देती थीं। डरावनी बच्चे को नायक को बहादुर बनाकर पेश करती थीं। वही निडर बच्चे की निडरता को परखने के लिए खलनायक के डरावनेपन का ज्यादा बखान करती थीं ताकि बच्चों की निडरता को परखा जा सके।
कहानी बच्चों में बहुत परिवर्तन लती है। बच्चों के अंतर मन को गहरे से प्रभावित करती है। उनमें संस्कार, कार्य व्यवहार और आदतें विकसित करने में इनका बड़ा हाथ होता है। ये अपने प्रभाव के द्वारा बालपाठकों के हृदय को परिवर्तित कर देती है।
यही वजह है कि पाठ्यक्रम में कहानियों का समावेश अनिवार्य रूप से होता है। ताकि बच्चों में कहानी के प्रभाव से उनमें सूझबूझ, ईमानदारी, सत्यनिष्ठा, मातापिता की सेवा, दयालुता सहृदयता, साहस, सहयोग आदि गुणों का विकास किया जा सके।
कहानी की शक्ति को कोई नकार नहीं सकता है। विकसित देशों में इसकी प्रभावशीलता को स्वीकार किया गया है। यही वजह है कि उनके पाठ्यक्रम में भी कहानी अनिवार्य हिस्सा होती है।
यदी आप अभिभावक हैं तो अपने बच्चों को कहानी सुना कर, उसे कहानी की किताब देकर, उसमें अन्य गुणों का विकास सहजता से कर सकते हैं। बस, उन्हें कहानी सुनने-सुनाने और उस का आनंद लेने के लिए प्रेरित करना होगा।
जादुई कंपास
इसकी कहानियां बहुत ही बढ़िया है। इसे पढ़कर बहुत ही अच्छा लगता है। एक बार कहानी पढ़ने पर पाठक पढ़ता ही चला जाता है। इस मायने में बहुत ही बढ़िया कहानियां है।
इस पुस्तक का कहानीकार प्रसिद्ध कहानी की पत्रिका चंपक का जाना माना लेखक है।