You can access the distribution details by navigating to My Print Books(POD) > Distribution
दुनिया में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जो उम्र के इस पड़ाव से ना गुजरा हो जहाँ उसे किसी से प्यार ना हुआ हो। भले ही वह किशोरावस्था में हुआ हो या तरुण अवस्था में, या फिर परिपक्व होने के बाद। परन्तु जब दिल टूटता है तो सब कुछ बेकार लगने लगता है, दुनिया बेमानी लगने लगती है। और हमें समझ में नहीं आता कि क्या करें?
आप सभी ने 3 घंटे की फिल्म देखी होंगी। उसमें बहुत सी घटनाएं होती हैं। घटनाओं को एक क्रम में जोड़कर एक कहानी बनाकर उसको एक फिल्म के रूप में पेश किया जाता है। लेकिन जरा सोचिए क्या हमारा जीवन भी फिल्म के किसी घटनाक्रम की तरह नहीं है? क्या एक घटना होने के बाद 3 घंटे की फिल्म आधे घंटे में खत्म हो जाती है? नहीं ना! तो हमारे जीवन में एक घटना होने पर हमारे जीवन का अंत कैसे...
Currently there are no reviews available for this book.
Be the first one to write a review for the book एक टूटे हुए दिल को कैसे जोड़ें!.