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• कड़ी मेहनत का परिणाम सदैव अच्छा होता है!
• अंत में विजय सत्य की ही होती है!
• ईमानदारी सबसे अच्छी नीति है!
उपरोक्त सभी अब सैद्धांतिक अवधारणाएं हैं। वास्तविक जीवन में हमें व्यावहारिक होना चाहिए, व्यावहारिक दृष्टिकोण का पालन करना चाहिए और व्यावहारिक दृष्टिकोण क्या है; अपने दोनों हाथों को अपने बायीं एवं दायीं ओर उपस्थित लोगों के कन्धों पर रखें और स्वयं को ऊँचा उठायें, उनके कन्धों पर पाँव रखकर कॉर्पोरेट जगत की सीढ़ियाँ चढ़ते जाएँ।
ये कहानी कॉर्पोरेट जगत में काम करने वाले दो पुरुषों की है जिन्हें अपनी सच्चाई एवं ईमानदारी के मार्ग पर चलने के कारण जीवन पर्यन्त संघर्ष करना पड़ा। एक की असमय मृत्यु हो गयी और वो एक आत्मा बन गया। फिर उसने अपने गुरु की सहायता करने का निश्चय किया जो अभी भी कॉर्पोरेट पॉलिटिक्स से जूझ रहे थे।
आइए हम समय की यात्रा में वापस जाएं और देखें कि ये कहानी कब और कहाँ से आरम्भ हुई।
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