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‘यह सच डराता है’ मानी का पहला संस्मरणात्मक संग्रह है। इसमें ‘मानी’ ने अपने जीवन के लगभग डेढ़ महीने के उन भयावह अनुभवों को समेटा है, जो उन्होंने अपनी छोटी बहन की बीमारी के दौरान झेले । ये यादें किसी भी संवेदनशील इंसान को झकझोरने के लिए काफ़ी हैं । उनकी यह अनुभूतियाँ हर पाठक को कहीं-न-कहीं उनसे बहुत गहरे तक जोड़ देगा ।
आइन्दा कोई उस दौर से न गुज़रे, इसके लिए एक बार इस पुस्तक को पढ़ना बहुत ज़रूरी है ।
Re: YAH SACH DARAATA HAI
लोकप्रिय कहानी लेखिका सुश्री प्रेम गुप्ता "मानी" द्वारा लिखित संस्मरण ‘यह सच डराता है’ वर्तमान भारतीय समाज की भ्रष्टाचार में लिप्त पतनोन्मुखी दशा के विरुद्ध एक टीस भरे आक्रोश की...