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Samay ke saath samvaad

Vicharon, Vishwason aur Yatharth ki Kavitaen
Rajpal ‘Janakavi’
Type: Print Book
Genre: Poetry
Language: Hindi
Price: ₹220 + shipping
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Description

यह कविता संग्रह आपके समक्ष प्रस्तुत करते हुए मुझे अत्यंत हर्ष हो रहा है। साहित्य समाज का दर्पण होता है, जो उसके सुख-दुःख, अच्छाइयों और कमियों को प्रतिबिंबित करता है। समाज में घटित घटनाएँ ही साहित्यकार की रचनाओं का आधार बनती हैं। वह अपने विचारों के माध्यम से उन घटनाओं को एक नई दिशा और भाव प्रदान करता है।

हमारा अतीत महान और गौरवशाली रहा है। भारत की सनातन संस्कृति विश्व की सबसे प्राचीन संस्कृतियों में से एक है, जिसने अनेक युगों और परिवर्तनों को देखा है। हमारे ऋषि-मुनियों, महापुरुषों और राजाओं ने इस संस्कृति को समृद्ध बनाया तथा समाज को ज्ञान, सुरक्षा और उन्नति की दिशा दी। वैदिक ग्रंथों और पुराणों में जीवन को व्यवस्थित और उद्देश्यपूर्ण बनाने के गहन संदेश निहित हैं।

वर्तमान में देश की राजनीतिक, धार्मिक और आर्थिक परिस्थितियाँ कई प्रश्न खड़े करती हैं। यह कविता संग्रह इन तीनों कालों—भूत, वर्तमान और भविष्य—की स्थितियों को उजागर करते हुए पाठकों को यथार्थ से परिचित कराता है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि यह संग्रह आपको आनंद के साथ विचार की गहराई भी प्रदान करेगा।
आपका स्नेहाकांक्षी
राजपाल 'जनकवि'
(सेवानिवृत प्रधानाध्यापक)

About the Author

राजपाल ‘जनकवि’ मूलतः उत्तर प्रदेश के बदायूँ जनपद से हैं और वर्तमान में भिवाड़ी (राजस्थान) में निवास करते हैं। प्राथमिक विद्यालय में लंबे समय तक शिक्षक रहने के कारण उनके अनुभव उनकी कविताओं को संवेदनशीलता और गहराई प्रदान करते हैं। “समय के साथ संवाद” उनका प्रथम काव्य-संग्रह है, जिसमें पौराणिक, ऐतिहासिक और समकालीन विषयों का सजीव चित्रण मिलता है। जीवन की कठिन परिस्थितियों के बावजूद संबंधों और मानवीय भावनाओं के प्रति उनकी आस्था उनकी रचनाओं में विशेष ऊष्मा घोलती है। यह संग्रह उनके अनुभवों, संघर्षों और चिंतन का सच्चा प्रतिबिंब है।

Book Details

ISBN: 9789355253354
Publisher: Devendra Pratap (Self Publishing)
Number of Pages: 167
Dimensions: 5.5"x8.5"
Interior Pages: B&W
Binding: Paperback (Perfect Binding)
Availability: In Stock (Print on Demand)

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