You can access the distribution details by navigating to My Print Books(POD) > Distribution

(1 Review)

य र ल व श स ह

Ya Ra La Va Sha Sa Ha (Hindi Poems)
Salil Chaturvedi
Type: Print Book
Genre: Poetry
Language: Hindi
Price: ₹250
Price: ₹250
Free Shipping
Dispatched in 5-7 business days.
Shipping Time Extra

Description

यह कविताएँ कभी आप के कंधे पकड़ कर आप को झकझोरेंगी, कभी एक सम्वेदनशील मित्र बन कर आप के साथ दिन भर टहलेंगी, कभी शहर के सिरे को हल्के से उठाएँगी, कभी एक बादल बन कर आप के घर के ऊपर मँडराएँगी, और कभी एक रोशनी की किरण बन जाएँगी जो दूर एक सितारे से चल कर एक प्रश्न पूछना चाहती है।

About the Author

सलिल चतुर्वेदी काव्य और लघु कथाएँ लिखते हैं। उनकी अंग्रेज़ी लघु कथाएँ अनेक पत्रिकाओं में प्रकाशित हुईं हैं, जैसे Antiserious, Himal, Indian Literature (Sahitya Akademi), Indian Quarterly, Out of Print, Joao Roque Literary Journal, Raiot, इत्यादि । उन्हें 2008 में कामन्वेल्थ शॉर्ट स्टोरी प्रतियोगिता में एशिया क्षेत्र का विजेता घोषित किया गया । 2007 में उन्हें यूनिसन/ब्रिटिश काउन्सिल शॉर्ट स्टोरी कॉम्पटिशन का पुरस्कार मिला । 2015 में उन्होंने वर्ड-वीवर पोयट्री कॉम्पटिशन जीता । उन्हें हाइकु शैली की कविताएँ ख़ासा पसंद हैं और उनकी अंग्रेज़ी हाइकु अनेक अंतर्राष्ट्रिया पत्रिकाओं में प्रकाशित हुईं हैं । उनकी अंग्रेज़ी कविताओं का संकलन ‘In The Sanctuary of a Poem,’ amazon और flipkart वेबसैटों से उपलब्ध है । उनकी कुछ हिंदी कविताएँ 'तद्भव' में प्रकाशित हो चुकी हैं।

Book Details

ISBN: 9789353007805
Publisher: Salil Chaturvedi
Number of Pages: 68
Dimensions: 5.51"x8.50"
Interior Pages: B&W
Binding: Paperback (Perfect Binding)
Availability: In Stock (Print on Demand)

Ratings & Reviews

य र ल व श स ह

य र ल व श स ह

(5.00 out of 5)

Review This Book

Write your thoughts about this book.

1 Customer Review

Showing 1 out of 1
salchat 6 years, 3 months ago Verified Buyer

Re: य र ल व श स ह

राजस्थान पत्रिका, सोमवार, 20 अगस्त, 2018, जयपुर

कविता संग्रह ‘य र ल व श स ह’ के लेखक सलिल चतुर्वेदी हिंदी-अंगेज़ी लेखन में अपना सुनिश्चित कोना बना चुके हैं और उनकी कहानियाँ ऐंटी-सीरीयस, इंदीयन लिटरेचर (साहित्य अकादमी), इंदीयन क्वॉर्टर्ली तथा आउट अव प्रिंट जैसी वरिष्ठ मैगज़ीन में छपती रही हैं। कथा kshetra क्षेत्र में उन्हें अनेक पुरस्कार मिल चुके हैं। सत्तावान पृष्ठों का यह कविता संग्रह अपनी भावनिष्ठ गहराई में हर पाठक की कई अनकही भावनाओं को छूता है। अपने सहज वाक्य विन्यास से सलिल ऐसे शब्द चित्र बनाते है जो हमें अनायास ही हिंदी साहित्य के पुरोधा अज्ञेय की याद दिला जाते है।
‘अब के चलेगी /हवा/हमारे लिए/जिसमें नालियों की बू ना होगी/भिखारियों की रूह ना होगी/
अनकटे पहाड़ों से होते हुए/एक साफ़ नदी की ठंडक उठाए/अब के चलेगी/हवा/हमारे लिए’ जैसी पंक्तियाँ भवानी मिश्र और निराला की सामाजिक चेतना को छूती हुई कवि को थोथी भावुकता से परे ले जाती हैं। कविता संग्रह की 50 कविताओं में हाइकु, नज़्म, गीत और अतुकांत शैलियाँ हैं जो सारी कविताओं को सहज प्रवाह देती हैं। कौवों की रेखाकृतियों को समोहे कविता संग्रह के पृष्ठ पाठक से गहरा सम्बंध बनाते हैं यह कहते हुए —

बुझ चले हैं शोले पर है तसल्ली
एक अंगारा अब भी जल रहा है

एक अजीब इत्तेफ़ाक है कि यहाँ हर इंसान
उगते उगते ढल रहा है

एक ख़ूबसूरत ख़्वाब देखा था कभी
कहीं गड़ा अंदर अब भी पल रहा है

कीमत की राशि बोझ नहीं लगती क्योंकि अपने सहज कथ्य में कवि पाठक के साथ खड़ा नज़र आता है इन चुनिंदा पंक्तियों के साथ — ‘खुला हूँ मैं/दुनिया के लिए/एक घाव की तरह’, ‘अंधेरी रात/तारे गिरे नदी में/एक के बाद एक’ और ‘क्यों गाए सदा/नीली चिड़िया/टूटी टहनी पर’।

Other Books in Poetry

Shop with confidence

Safe and secured checkout, payments powered by Razorpay. Pay with Credit/Debit Cards, Net Banking, Wallets, UPI or via bank account transfer and Cheque/DD. Payment Option FAQs.