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“ख़यालों का शहर उदयपुर”
सिर्फ़ एक प्रेम कहानी नहीं,
बल्कि उन दिलों की आवाज़ है
जो टूटने के बाद भी
मोहब्बत पर भरोसा करना नहीं छोड़ते।
यह कहानी है अर्जुन और तारा की—
दो अनजान लोग,
दो अधूरे अतीत,
और एक शहर…
जो उनके दर्द को समझता है,
उनकी ख़ामोशियों को सुनता है।
उदयपुर की झीलें,
उसकी हवाएँ,
उसकी रातें—
इस कहानी में सिर्फ़ पृष्ठभूमि नहीं,
बल्कि एक जीवित किरदार बन जाती हैं।
यह उपन्यास बताता है कि
प्यार हमेशा अचानक नहीं मिलता,
कभी-कभी वह
टूटन, इंतज़ार और डर के बाद
धीरे-धीरे जन्म लेता है।
अगर आप ऐसी कहानियाँ पसंद करते हैं
जो दिल को छू जाएँ,
जो आपको अपने किसी टूटे हिस्से से मिलवा दें,
और जो यह यक़ीन दिलाएँ कि
हर दर्द के बाद एक नई शुरुआत संभव है—
तो “ख़यालों का शहर उदयपुर”
आपके लिए ही लिखी गई है।
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