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“जब लहरें बोल उठीं” एक आध्यात्मिक प्रेम कथा है—जहाँ प्रेम केवल दो दिलों का संगम नहीं, बल्कि दो आत्माओं का शाश्वत मिलन बन जाता है।
यह कहानी आदित्य और एलेना की है, जिनकी पहली मुलाक़ात समुद्र के तट पर होती है—जहाँ लहरें केवल पानी नहीं, बल्कि जीवन के गहरे संदेश लेकर आती हैं।
समुद्र की गहराई, हवा की खनक और आँखों में छिपी अनकही भावनाएँ—सब मिलकर एक ऐसा प्रेम रचती हैं जो आज के डिजिटल युग में दुर्लभ है।
यह उपन्यास आपको यह सोचने पर मजबूर करता है—
• क्या प्रेम शब्दों से परे एक आत्मिक अनुभव है?
• क्या दो आत्माएँ जन्म-जन्मांतर से बंधी होती हैं?
• क्या प्रेम तूफ़ानों से नहीं, विश्वास से जीतता है?
• क्या दूरी और नियति भी सच्चे प्रेम को रोक सकती हैं?
कहानी में मिलेंगे—
✔ समुद्र किनारे का आध्यात्मिक वातावरण
✔ दो आत्माओं का मौन संवाद
✔ अतीत की परछाइयाँ
✔ नियति की परीक्षाएँ
✔ तूफ़ान, दूरी और अग्निपरीक्षा
✔ और अंत में—आत्मा का संगम
यह किताब केवल पढ़ने के लिए नहीं,
महसूस करने के लिए लिखी गई है।
अगर आपने कभी प्रेम किया है, टूटे हैं, या प्रेम में आध्यात्मिक अर्थ खोजा है—
तो “जब लहरें बोल उठीं” आपके दिल में एक अमिट छाप छोड़ जाएगी।
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