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हिन्दू धर्म के दलित

Sanjeev Newar
Type: Print Book
Genre: Religion & Spirituality
Language: Hindi
Price: ₹260 + shipping
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Description

मेरे जन्म पर मेरा अधिकार नहीं था। पर अपनी मृत्यु को मैं निश्चित ही चुन सकता हूं। मैं धरती पर अपने जन्म का कारण नहीं जानता, पर मैं अपने जीवन का उद्देश्य निश्चित ही जानता हूं।

यह पुस्तक हर उस व्यक्ति के लिए है जो उच्चतम सोपान को पाने की अभिलाषा रखता है। इस पुस्तक को पढ़कर आप यह जानेंगे कि कोई व्यक्ति उसके जन्म या माता-पिता या परिवार या रंग या नस्ल या पंथ या लिंग या मज़हब के कारण श्रेष्ठ नहीं होता, बल्कि उसे श्रेष्ठ बनाते हैं - उसके उच्च कर्म, उसका उज्जवल चरित्र और उसकी तेजस्विता।

यह पुस्तक हिन्दू-समाज में व्याप्त जन्म-आधारित जाति व्यवस्था को संबोधित करती है। यह पुस्तक इस धरा की प्राचीनतम सभ्यता – हिन्दू सभ्यता के सदियों तक पादाक्रांत होने, लुटने और तहस-नहस होने के कारणों पर प्रकाश डालती है।

कभी इस धरा के लगभग आधे हिस्से पर बसनेवाली सभ्यता आज एक उपमहाद्वीप के आधे हिस्से तक सिमट कर रह गई है। गलती कहां हुई?

सम्पूर्ण चराचर के प्राणियों को एक परमपिता परमेश्वर की संतान मानने वाले एकमात्र धर्म पर आज उन्हीं में से कुछ संतानों को दलित बनाने का लांछन लगाया जा रहा है। दलित कौन हैं? हिन्दू धर्म के अछूत? उन्हें अछूत बनाया किसने? क्या वे कभी मुख्यधारा में जुड़ेंगे भी या सदा के लिए विस्मृति की गर्त में ही रह जाएंगे? क्या भारतवर्ष इसी जीर्णशीर्ण दशा में रहेगा या इससे उबरेगा भी?

यह पुस्तक जाति-व्यवस्था के सभी ज्वलंत प्रश्नों को संबोधित कर उनका समाधान प्रस्तुत करती है। भारत की एकता और अस्तित्व के लिए यह पुस्तक अति आवश्यक है।

कृपया ध्यान दें: यदि आप हमारी पुस्तक “हिन्दू धर्म में जाति-व्यवस्था नहीं” पहले ही खरीद चुके हैं, तो आपको इसे ख़रीदने की आवश्यकता नहीं क्योंकि इसमें लगभग वही विषय-वस्तु है। यह उसी पुस्तक का अलग शीर्षक के साथ नवीनतम संस्करण है।

About the Author

संजीव नेवर, भारत और मानवता को समर्पित अभियान – अग्निवीर के संस्थापक हैं। वे एक सफ़ल लेखक, वक्ता, उद्यमी और मार्गदर्शक हैं। वे विश्व में आज कर्म योग और गीता के महानतम विशेषज्ञ हैं। हिन्दू धर्म के विजयी स्वरुप को स्थापित करनेवाली १५ पुस्तकों के वह रचयिता हैं। भारतवर्ष को धर्मान्तरण और आतंकवाद से तबाह करने की हसरत रखनेवाली शक्तियों को इन पुस्तकों ने कड़ी टक्कर दी है। वह पेशे से डाटा-साइंटिस्ट हैं। उनके लेखों और उत्पादों में से उनकी विस्तृत विश्लेषण करने की क्षमता झलकती है। उनके रिस्क-मैनेजमेंट उत्पादन २०१४, २०१५ और २०१६ में संसार के २० चोटी के उत्पादनों में गिने गए हैं। इस सूची में जगह बना पाने वाले केवल वही एक भारतीय (और एशियाई) हैं। कृषि, रक्षा, खाद्य सुरक्षा, ऊर्जा सुरक्षा के क्षेत्रों में सम्मिलित और शामिल किए गए अनेक तकनिकी नवीनतम खोजों में उनका योगदान रहा है। वह देश के कई प्रख्यात युवा वैज्ञानिकों के परामर्शदाता भी हैं। संजीव आईआईटी गुवाहाटी और आईआईएम कलकत्ता के भूतपूर्व छात्र हैं।

Book Details

Publisher: Agniveer
Number of Pages: 135
Dimensions: 5.5"x8.5"
Interior Pages: B&W
Binding: Paperback (Perfect Binding)
Availability: In Stock (Print on Demand)

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