You can access the distribution details by navigating to My Print Books(POD) > Distribution
राजा मिथि के नाम से पड़ा मिथिला, जिसका अतीत गौरवशाली और समृध्द रहा है। उन्ही ऐतिहासिक धरोहरों के कुछ अंशों को मैं इस पुस्तक में ऐकीकृति कर आप सबों के समक्ष लाने का प्रयास किया हूँ। जिसका मुख्य उद्देश्य आने वाली नई पीढ़ी के लोगों को प्रेरणा मिले। इस पुस्तक को पढ़ने के बाद इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है की सरकार मिथिला के ऐतिहासिक जगहों को लेकर कितनी सजग है? कई ऐसे ऐतिहासिक जगहें हैं, जो आज पूर्ण रूप से खंडहर हो चुका है। जिसे देख आँखें नम हो जाती है। जिस धरती पर स्वंय महादेव और श्री राम आये हों। उस धरा का वर्तमान अगर घोर उपेक्षित हो, तो इससे बड़ी दुःख की बात क्या होगी? उम्मीद है की आप लोगों को यह पुस्तक पसंद आयेगी और मिथिला नगरी के महान जगहों के विषय में ज्ञानवर्धन का यह छोटा सा स्त्रोत बनेगा।
Currently there are no reviews available for this book.
Be the first one to write a review for the book Ham maithil, Mithilavasi.