You can access the distribution details by navigating to My Print Books(POD) > Distribution

Add a Review

काश मगर शायद

Satya Prakash
Type: Print Book
Genre: Poetry
Language: Hindi
Price: ₹149 + shipping
This book ships within India only.
Price: ₹149 + shipping
Dispatched in 5-7 business days.
Shipping Time Extra

Description

शीर्षक: "काश, मगर, शायद" – जहाँ दिल और कोड की दुनिया मिलती है
यह किताब सिर्फ़ कविता संग्रह नहीं है, बल्कि उस आधुनिक मन की दास्तान है जो डिजिटल लॉजिक और इंसानी जज़्बात के बीच संतुलन खोजता है।

हमारा जीवन तीन शक्तिशाली शब्दों के इर्द-गिर्द घूमता है:

वो 'काश' जो अधूरे सपनों और छूटे हुए मौकों की कसक है।

वो 'मगर' जो हर बड़ी चाहत के सामने एक शर्त बनकर खड़ा हो जाता है।

और वो 'शायद' जो हमें हर सुबह उठकर एक बेहतर कल की उम्मीद देता है।

लेखक सत्यप्रकाश, जो एक तरफ़ BCA के विद्यार्थी हैं और साइबर सिक्योरिटी की बारीकियों में उलझे हैं, वहीं दूसरी तरफ़ इन तीन भावनाओं को अपनी शायरियों में पिरोते हैं। उनकी कविताएँ कोड की तरह सटीक हैं, मगर दिल की धड़कन की तरह ज़िंदा।

किताब में क्या है? यह संग्रह आपको रोज़मर्रा की ज़िंदगी की छोटी-छोटी दुविधाओं, प्रेम की अनकही बातों, और खुद की तलाश के सफ़र पर ले जाता है। यहाँ आप उन जज़्बातों को पाएंगे जिन्हें आपने कभी खुलकर बयाँ नहीं किया।

अगर आप एक ऐसी आवाज़ की तलाश में हैं जो आपकी उलझन और आपकी उम्मीद दोनों को महसूस कर सके, तो "काश, मगर, शायद" आपके लिए है।

इस किताब को उठाइए, और अपनी कहानी को पहचानिए।

About the Author

सत्यप्रकाश, BCA के छात्र और साइबर सिक्योरिटी के उत्साही (enthusiast), जिनकी कलम कोड की दुनिया से निकलकर दिल के जज़्बात लिखती है। भिवाड़ी से ताल्लुक रखने वाले और जयपुर में पढ़ने वाले इस लेखक ने अपनी पहली किताब 'काश, मगर, शायद' में घुड़सवारी की आज़ादी और अधूरे अहसासों को पिरोया है। यह किताब उन सभी की दास्तान है जो ज़िंदगी में 'काश', 'मगर' और 'शायद' के बीच फँसे हैं।

Book Details

Number of Pages: 63
Dimensions: 5.5"x8.5"
Interior Pages: B&W
Binding: Paperback (Perfect Binding)
Availability: In Stock (Print on Demand)

Ratings & Reviews

काश मगर शायद

काश मगर शायद

(Not Available)

Review This Book

Write your thoughts about this book.

Currently there are no reviews available for this book.

Be the first one to write a review for the book काश मगर शायद.

Other Books in Poetry

Shop with confidence

Safe and secured checkout, payments powered by Razorpay. Pay with Credit/Debit Cards, Net Banking, Wallets, UPI or via bank account transfer and Cheque/DD. Payment Option FAQs.