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वो उर्दू का मुसाफिर है यही पहचान है उसकी
जिधर से गुज़रता है सलीक़ा छोड़ जाता है
उर्दू अदब की तारीख यूं तो बहुत तवील है हिन्दुस्तान की सरजमीं में पैदाइश से लेकर उर्दू अदब की बहुत सी अजीम शख्सियतें जिन्होंने उर्दू अदब को परवान चढ़ाया । और अपनी ख़िदमात से उर्दू अदब को फरोग दी। उर्दू की बहुत सी सिन्फें बनी। जो उर्दू को मुकम्मल ज़बान बनाती हैं और उर्दू अदब को हम तक पहुंचा रही हैं मगर उर्दू अदब की फरोग में जो मुक़ाम ग़ज़ल का है उस तक उर्दू की कोई दूसरी सिन्फ़ नहीं पहुंच पाई । ग़ज़ल(शेर -ओ-शायरी) के जरिए ही उर्दू की नश-ओ- नुमा ज़्यादा फरोग पायी । हिंदी, हिन्दवी, लश्क़री, ज़बान ए दिल्ली, रेख़्ता से उर्दू बनी इस ज़बान-ए-उर्दू में वो चाशनी मौजूद है जिसके जरिये वो आसानी से आवाम तक पहुंच जाती है और अपना बना लेती है उर्दू की एक ख़ासियत ये भी है की बात करने में जो खूबसूरती और वजन चाहिए होता है वो इसके लफ़्ज़ों में मौजूद है यही वजह है की हिंदुस्तान में पैदाइश के बाद से उर्दू आसानी से फ़रोग़ पाने लगी और अपना एक अलग मुक़ाम हासिल किया जो आज तक बरक़रार है।
यहाँ मैं अदना सा उर्दू अदब का तालिब-ए-इल्म आपकी ख़िदमत में उर्दू दुनिया से मुन्तख़ब अशआर का मजमुआ 'रू ब रू' करने की जसारत कर रहा हूँ। मैं नही जानता कि इसको पढ़ने के बाद आपका रद्दे अमल क्या होगा।मगर मेरी कोशिश रही है कि इस मजमुए में मौजूदा दौर की पसंद के मद्देनज़र उर्दू दुनिया के ख़ूबसूरत अशआर पिरो सकूँ। इस मजमुए मे हर मिजाज़, माहौल और कैफ़ियत के अशआर मौजूद हैं जो खासकर हालिया दौर में मन्ज़र-ए-आम पर नही आ सके । मगर जिन शायर हज़रात के शेर है काबिले दाद के मुस्तहिक़ हैं जो बार-बार हर दौर में दोहराये जाते है और महसूस कराते है कि जैसे दौरे हाज़िर में कहे गए हों।
नाज़ुकी उस के लब की क्या कहिये
पंखुड़ी एक गुलाब की सी है -मीर
सलीके से हवाओं में जो ख़ुश्बू घोल सक हैं
अभी कुछ लोग बाक़ी हैं जो उर्दू बोल सकते हैं - अज्ञात
किसी भी मंज़र, हालात, वाक़िये को दो मिसरों में समेट कर शायर कमाल करता है और उसी की नज़ीर उनके चुनिंदा अशआर आपके रू ब रू हैं जो यक़ीनन इस दुनिया से रब्त रखने वालों को ज़रूर गुदगुदायेंगे।
अल्लाह रे बे-ख़ुदी कि हम उन के ही रू-ब-रू
बे-इख़्तियार उन्ही को पुकारे चले गए
शकील बदायुनी
हल्द्वानी (नैनीताल) संपादक
अक्टूबर-2022 शराफत अली खान ‘शांज़ल’
Excellent collection
निहायत ही खूब सूरत और एहसास से भरपूर चुनिंदा अशआर का संकलन ।