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फासलें और भी हैं .........
एहसास जब अश्यारोँ में बयां होते हैं तो उन एहसासों की एक अलग दुनिया , एक अलग चेहरा , एक अलग सन्देश सामने आता हैं ! इस किताब में आपको कुछ ऐसे ही सन्देश गज़लों की शक्ल में मिलेंगे ! ग़ज़ल इक सुंदर एहसास हैं इसमें शिकायत , प्रेम , निराशा , खुशी , दर्द , यादें और जिन्दगी का हर रंग मिल जाता हैं ! इस किताब में ऐसे कई रंग हैं , लेखक नें शुरू में ही बड़ी सुंदर बात कही हैं ......
"उनका हंसना मोहब्बत नहीं थी साहिल
तेरे हशर का अंदाजा उन्हें पहले से ही था" !
Re: फासलें और भी हैं
आपकी ग़ज़लें पढ़ी शानदार है आपको साधुवाद। आप हिमाचल से हेैं जानकर अच्छा लगा । आशा है आपसे जरूर मुलाकात होगी । पुन: आपको बधाई और साधुवाद।