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समय के विशाल विस्तार में, जहाँ ब्रह्मांड सृजन और प्रलय से स्पंदित है, वहाँ एक शक्ति विद्यमान है जो समझ से परे है - शिव , शाश्वत, अनंत। वह अराजकता में शांति है, बर्फ में अग्नि है, आरंभ है और अंत है।
कुछ लोग उन्हें भयंकर विध्वंसक के रूप में देखते हैं, तो कुछ लोग उन्हें दयालु उद्धारकर्ता के रूप में। ऋषियों के लिए, वे आदि योगी हैं - योग के प्रथम शिक्षक। भक्तों के लिए, वे सर्वोच्च भगवान हैं, जो न तो रूप से बंधे हैं और न ही समय से। वे कैलाश पर्वत के बर्फीले एकांत में रहते हैं, फिर भी उनकी उपस्थिति अस्तित्व के हर कण में महसूस की जाती है। उनकी जटाओं में उग्र गंगा है, उनके गले में ब्रह्मांड का विष है, और उनका नृत्य जीवन की लय को आकार देता है।
लेकिन वास्तव में शिव कौन हैं?
यह पुस्तक सिर्फ़ उनकी किंवदंतियों का पुनर्कथन नहीं है; यह मिथकों, भक्ति और ब्रह्मांड के रहस्यों के माध्यम से एक यात्रा है। यह उन लोगों के लिए एक आह्वान है जो सामान्य से परे की तलाश करते हैं, जो विनाश और नवीनीकरण दोनों को नियंत्रित करने वाली शक्ति को समझने के लिए तरसते हैं।
महाशिवरात्रि, शिव की पवित्र रात्रि, एक त्यौहार से कहीं बढ़कर है। यह समय का वह क्षण है जब ब्रह्मांड की ऊर्जाएँ एक हो जाती हैं, जब आत्मा अपने सांसारिक बंधनों से परे जाकर अनंत में विलीन हो सकती है। शिव को जानना खुद को जानना है, भ्रम से मुक्त होना है और असीम को गले लगाना है।
इन पन्नों को पलटते समय याद रखें - शिव केवल शब्दों में नहीं मिलते। उन्हें मौन में, समर्पण में, आपके भीतर बहने वाली सांस में महसूस किया जा सकता है।
क्या आप शाश्वत मार्ग पर चलने के लिए तैयार हैं?
ॐ नमः शिवाय।
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