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"नवजीवन" अंधेरे से उजाले की ओर की यात्रा है। झंझावातों से नितांत एकल रूप में भी स्व चेतना के बल पर संघर्ष करते हुए विजय प्राप्त की जा सकती है। सयत्न भी सोच को सकारात्मक बनाए रखते हुए प्रत्येक स्याह पहलू में उजले पक्ष को देखने की कला जीवन को नव दिशा और दशा देती है। इस पुस्तक में सूर्यास्त के बाद सूर्योदय के आगमन की प्रतीक्षा में क्रियाशील धैर्य के प्रेरक स्वरूप को काव्य-शैली के माध्यम से दर्शाया गया है।जीवन का पथ दुर्गम है और इस यात्रा में सभी को विभिन्न रंगों के विभिन्न शेड्स में रचती- बसती जीवन - धारा का सत्य स्वीकारते हुए ही आगे बढ़ना होता है। जीवन की परिस्थितियां चाहे जो भी हों, स्वयं को नित् नवीन नूतन दिशा में आत्म- प्रेरणा के बल पर सोच को सकारात्मक रखते हुए गतिशील रहना आवश्यक होता है। स्याह बादलों में छिपी रजत - किरण तथा आहत...
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