You can access the distribution details by navigating to My Print Books(POD) > Distribution
‘स्वतंत्र कलम की किरणें’ कवि की अपने जीवनकाल में लिखी हुई कविताओं और कहानियों का संकलन है | इसमें हिंदी और राजस्थानी दोनों भाषाओँ की कविताएँ सम्मिलित है | कुछ कविताओं में ग्रामीण जीवन की झलक मिलती है तो कुछ में शहरीय जीवन के संघर्ष दिखाई पड़ते हैं | अधिकतर कविताओं में मध्यम वर्गीय परिवारों के जीवन के विभिन्न पहलुओं की झलकियाँ दिखाई पड़ती है जिनसे पाठक अपने आप को जोड़ पाते हैं | संकलन में कुछ ऐसे व्यंग्य है जो समाज में व्याप्त कुरीतियों पर तीखा कटाक्ष करते हैं तो कईं ऐसे हास्य-व्यंग्य है जो पाठकों के मन को गुदगुदाते हैं |
Currently there are no reviews available for this book.
Be the first one to write a review for the book स्वतंत्र कलम की किरणें.