You can access the distribution details by navigating to My Print Books(POD) > Distribution

Add a Review

जब विश्वास टूटता है, तभी देखने की आँखें खुलती हैं

माया के पीछे छिपे सत्य की खोज
Tarak M Deva
Type: Print Book
Genre: Philosophy
Language: Hindi
Price: ₹275 + shipping
Price: ₹275 + shipping
Dispatched in 5-7 business days.
Shipping Time Extra

Description

जब विश्वास टूटता है, तो दुनिया वैसी नहीं रहती जैसी हम देखते थे। यही टूटन हमें उन सचाइयों से परिचित कराती है जिन्हें हम लंबे समय तक अनदेखा करते आए थे। यह पुस्तक दर्द, धोखे और भावनाओं के उस छुपे पक्ष को उजागर करती है जहाँ हर अनुभव हमें एक गहरी सीख देकर जाता है।

हर अध्याय आपको यह दिखाता है कि क्यों बार-बार वही लोग हमें चोट पहुँचाते हैं, कैसे माया हमारे निर्णयों को धुंधला करती है, और किस तरह ऊर्जा व कर्म हमारे जीवन की दिशा तय करते हैं। यह किताब सरल भाषा में उन सचों को सामने लाती है जिन्हें समझना आसान नहीं, लेकिन जानना जरूरी है।

यह पुस्तक उन सभी के लिए है जो भीतर से टूटे हैं, सच्चाई की तलाश में हैं या अपने भीतर की शक्ति को पहचानना चाहते हैं। अंत तक पहुँचते-पहुंचते आप महसूस करेंगे कि हर टूटन सिर्फ अंत नहीं-बल्कि एक नई दृष्टि और नए जीवन की शुरुआत है।

About the Author

Tarak M Deva, जिन्हें साहित्यिक जगत में DEVA नाम से जाना जाता है,
एक ऐसे लेखक हैं जो पारंपरिक धर्म, समाज और मनोवैज्ञानिक सीमाओं से बाहर जाकर
सीधे चेतना, स्वतंत्रता और भीतरी खोज की बात करते हैं।

उनकी लेखनी किसी मत, किसी देवता, किसी सिद्धांत पर आधारित नहीं—
बल्कि मनुष्य के भीतर के सत्य, भीतर की आग,
और भीतर की निःशब्दता पर केंद्रित है।

DEVA का दृष्टिकोण तीखा भी है,
कोमल भी।
विनाश भी है,
और पुनर्जन्म भी।
वह डर को तोड़ते हैं,
मन को बेनकाब करते हैं,
और पाठक को सीधे अपनी चेतना के द्वार पर खड़ा कर देते हैं।

Book Details

Publisher: Loop press publication
Number of Pages: 131
Dimensions: 5.5"x8.5"
Interior Pages: B&W
Binding: Paperback (Perfect Binding)
Availability: In Stock (Print on Demand)

Ratings & Reviews

जब विश्वास टूटता है, तभी देखने की आँखें खुलती हैं

जब विश्वास टूटता है, तभी देखने की आँखें खुलती हैं

(Not Available)

Review This Book

Write your thoughts about this book.

Currently there are no reviews available for this book.

Be the first one to write a review for the book जब विश्वास टूटता है, तभी देखने की आँखें खुलती हैं.

Other Books in Philosophy

Shop with confidence

Safe and secured checkout, payments powered by Razorpay. Pay with Credit/Debit Cards, Net Banking, Wallets, UPI or via bank account transfer and Cheque/DD. Payment Option FAQs.