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इस यात्रा का उद्देश्य
क्या होगा यदि योग के बारे में आप जो कुछ भी जानते हैं वह सत्य का केवल एक अंश मात्र हो?
योग केवल आसनों का एक क्रम या शारीरिक तंदुरुस्ती का मार्ग नहीं है - यह एक जीने का तरीका है, आत्म-परिवर्तन का विज्ञान है। यह एक आंतरिक यात्रा है, हमें बांधने वाले भ्रमों से मुक्त होने का एक तरीका है।
यह पुस्तक योग की पहली और महानतम कहानी का पुनर्कथन है - भगवान शिव की मूल योगी और शिक्षक के रूप में कथा। यह कोई धार्मिक कथा नहीं है, बल्कि जागृति की एक सार्वभौमिक कथा है। योग का ज्ञान कभी भी कुछ चुनिंदा लोगों के लिए नहीं था; यह पूरी मानवता को दिया गया था, जो फिर से उभरने के लिए सही समय की प्रतीक्षा कर रहा था।
इस पुस्तक के माध्यम से आप:
• योग की सात परतों का अन्वेषण करें, जिनमें से प्रत्येक अस्तित्व के बारे में एक गहन सत्य को उजागर करती है।
• शिव के प्रथम शिष्यों, सप्तऋषियों की यात्रा का साक्षी बनें।
• समझें कि कैसे योग लगभग लुप्त हो गया था और कैसे यह आज विश्व को आकार दे रहा है।
चाहे आप योग में नए हों या आजीवन अभ्यास कर रहे हों, यह यात्रा आपको परिचित से परे, योग के गहनतम ज्ञान के हृदय तक ले जाएगी।
आदि योगी की नज़र एक बार फिर हम पर है। क्या आप शुरू करने के लिए तैयार हैं?
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