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कभी कभी बंद आँखों के सपनो से ज्यादा खुली आँखों के सपने पूरे हो जाते हैं बस जज्बा हो इसलिए हम अक्सर कहते रहते है कि सपने देखते रहना चाहिए | जितना ज्यादा सपने हम देखेंगे उतना ज्यादा हम उन्हें पूरा करने कि तरफ बढ़ते रहेंगे |
सपने हो ऐसे होते है जो दुनिया मे जाति-पाती, ऊंच-नीच, छोटा-बड़ा, अमीर-गरीब या फिर काला-गोरा नहीं देखते यदि अपने एक बार ठान लिया कि मुझे यह करना ही है तो दो राहे आती ही नहीं है |
हर इंसान के जीवन मे असफलता आती ही रहती है चाहे वह अम्बानी हो या कोई गरीब, अपनी मेहनत के दम पर कोई भी इंसान आकाश कि उचाईयों को छू सकता है |
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