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“हसीन यादों की रवानी” मेरी किताब “ज़ीनत फ़ातिमा शायरी” का दूसरा संस्करण है इसका प्रथम संस्करण “एक अजनबी की नायाब सौग़ात” प्रकाशित होकर आप लोगों के बीच पहुँच चुकी है अब ये मेरी दूसरी किताब “हसीन यादों की रवानी” भी मेरे उसी दर्द का सबब है जो मैंने कई सालों लगातार सहा है जब मेरे दर्द को बयाँ करने में मेरे आंसू कम पड़ गये तब मैंने इस दर्द को बयाँ करने के लिए इन अल्फाजों का सहारा लिया, फिर जब मैं ने अपनी ज़िन्दगी के उन तमाम खट्टे-मीठे अहसासों को अल्फाजों में पिरोकर कागज़ पे उतारा तो दुनिया वालों ने इसे शायरी का नाम दे दिया और हमें शायर बना दिया, मेरे शायर बनने का सफ़र बड़ा ही दिलचस्प है जिसका जिक्र मैंने अपनी इस किताब में किया है| यूँ तो हम कोई पढ़े लिखे शायर नही है और हम इस शेर ओ शायरी लिखने के सारे नियमों से भी बेखबर और अनजान हैं हमने बस अपने दर्द को लफ़्ज़ों का जामा पहनाकर दुनिया के सामने पेश किया है..............................................
मेरी ये किताब “ज़ीनत फ़ातिमा शायरी : हसीन यादों की रवानी” भी ऐसे ही मेरी ज़िन्दगी की तमाम सच्चाइयों को बयाँ करती हुई शेर और शायरियों का एक विस्तृत संग्रह है जिसमें मेरे दिल की आवाज़ शेर और शायरी के शक्ल में दुनिया के सामने है, और मैं इसके लिए उन सभी लोगों की बहुत ही शुक्रगुजार हूँ जिनकी वजह से मेरे सीने में वो दर्द की लौ किसी चिंगारी से जल उठी और फिर मैं बिना रुके, बिना थके अपने उस दर्द को लगातार लिखती रही जिसने आज एक पूरी मुकम्मल किताब की शक्ल ले ली है |
अगर आप भी शेर ओ शायरी के शौकीन हैं, जिंदगी की हकीक़तों से वास्ता है आपका,मोहब्बत से सरोकार रखते हैं आप और आपने बाकी जज्बातों को भी बारीकी से समझा है तो मैं यकीन के साथ कहती हूँ आप लोगों को मेरी ये किताब जरुर पसंद आएगी, मेरे अल्फाजों में आप जरुर खो जायेंगे........!
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