मेरे अपने
मेरे अल्फाज़
मेरे खेत में कविता उगे
मेरे गीत: देश, समाज और प्यार पर
मेरे जज्बातों का आईना
मेरे दोहे (कल और आज)
मेरे मौन शब्द
यदा-कदा
यह उन दिनों की नज्म़ है
यादगार हो तुम
रंग
रंगों की बोली
रूह और आबरू ही:
रेंज
लम्हे(काव्य कोष)
लय: फूल और शूल
वर्जिन
विरहवेणू
वैदेही वनवास ( Vaidehi Vanvas ) (Hindi Edition)
शबनम की बूँदें
शब्दों की कड़ाही से
शब्दों के परे
श्री राम मंदिर काव्य यात्रा