समाधान
प्रलयक परात
बीति गेल समय
न्याय की गुहार
नाचि रहल छलि वसुधा
राष्ट्र मंदिर
सीमाक ओहि पाार
दीप जरैत रहए
नमस्तस्यै
पटाक्षेप
जयतु जानकी
सूर्यपुत्र
VIDEHA SHIVSHANKAR SRINIVAS SPECIAL
भोरसँ साँझ धरि
प्रीति कारण सेतु बान्हल
प्रीति कारण सेतु बान्हल Redefining Maithili