...क्योंकि भाषा भी एक फ्रैक्टल है
घृणा
Bhoot bangalow part 2
सिसकती रातें
यदा-कदा
सम्बन्धों की दुनिया (खेल प्यार के)
निराशा से फ़ूलों तक (दुखद प्रेम)
Dosti
खानवा का युद्ध
जोरावर गढ़ और रंभाला का रहस्य
बेख़ुदी के लमहे (व्यंग्य संकलन)
बताशा, अंक तीन, सितम्बर २०२४
सीखो और अमीर बनो
जिंदगी के मायने
अप्सरा
हल्दीघाटी का युद्ध
प्यार अभी बाकी है / Pyar Abhi Baaki Hai
मेरे मौन शब्द
जीवन चित्रण
भूत बंगला भाग 2
साहित्यिक संवेदनाएँ और कोरोना महामारी
सुकून-ए-ख़ातिर
बयान-ए-दर्द