बदलि रहल अछि सभकिछु
सीमाक ओहि पार
ठेहा परक मौलायल गाछ
प्रलयक परात
शंखनाद
ढहैत देबाल
पाथेय
महराज
इएह थिक जीवन
नाचि रहल छलि वसुधा
पटाक्षेप
मातृभूमि
हम आबि रहल छी
दीप जरैत रहए
स्वप्नलोक
विविध प्रसंग
फसाद
समाधान
बीति गेल समय
न्याय की गुहार