पटाक्षेप
प्रीति कारण सेतु बान्हल Redefining Maithili
प्रीति कारण सेतु बान्हल
ठेहा परक मौलाएल गाछ
ठेहा परक मौलायल गाछ
प्रतिबिम्ब
बदलि रहल अछि सभकिछु
दीप जरैत रहए
संयोग
राष्ट्र मंदिर
नाचि रहल छलि वसुधा
भोरसँ साँझ धरि
बीति गेल समय
प्रलयक परात
हम आबि रहल छी