इएह थिक जीवन
ठेहा परक मौलाएल गाछ
ठेहा परक मौलायल गाछ
ढहैत देबाल
दीप जरैत रहए
नमस्तस्यै
नाचि रहल छलि वसुधा
न्याय की गुहार
पटाक्षेप
पाथेय
प्रतिबिम्ब
प्रलयक परात
प्रसंगवश
प्रीति कारण सेतु बान्हल
प्रीति कारण सेतु बान्हल Redefining Maithili