वक़्त तो लगता है
याद बन कर रह गए
मैं अनजान सफर का राही
माना की तुम ख्वाब हो
पल दो पल
जाने कौन डगर अब ठहरें
चंद सांसें जिन्दगी
काव्यांश जिजीविषा
कभी कभी राहों में
उन्मुक्त काव्यांजलि
आज तुम्हारी याद आई
अनुरक्त
Analia