पंखुड़ियाँ
नेपथ्य का दीया
ना काहू से दोस्ती ना काहू से वैर
नई एहसास के पौधें
धूप अैर छाँव
दोहरी हाक
दो शब्द
दृष्टिकोण
दास्तान-ए-दिल
त्रिकालदर्शी
डभियाएल गाम
जज़्बात
जिंदगी के दो पल: आज और कल
जाने कौन डगर अब ठहरें
छवि इश्क़ की
चित्रांश
चलें! बेकल के गांव
चंद सांसें जिन्दगी
गुलेती दास
गुड़ा-खुद्दीक रोटी
गामक शकल-सूरत
गाछपर सँ खसला