You can access the distribution details by navigating to My Print Books(POD) > Distribution
भारत माता का सजक सिपाई
देश भक्ति का प्रथम स्थान
वर्तमान समय बीएसएफ के
कैंप में रहता आ गया ध्यान
दिसम्बर के महिने में आ जाते
कई राष्ट्रीय दिवस हैं महान
बीएसएफ स्थापना दिवस भी
मनाया जाता हैं इसी दौरान
फिर नौसेना दिवस आ जाता
जिस दिन होए दिसम्बर चार
सात दिसम्बर शस्त्र झंडा दिवस
भी आ जाता हैं इसी क्रमवार
सोलह दिसम्बर हिंद सेना का
अद्भुत विजय दिवस सुम्मार
यह सांझा संकलन छपने का
इसलिए मेरा भी हुआ विचार
नहीं धुरंधर कलमकार नहीं
नहीं हूँ कोई प्रखर विद्वान
अठारह पुस्तक एकल छपवाई
ग्यारह साझा संकलन जान
कवि सम्मेलन आनलाईन के
पाँच हजार दे चुका हूँ सम्मान
क्षेत्रीय संस्था से लेकर मेरे
बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड कीर्तिमान
यदि मैं चाहता तो यह पुस्तक
अकेला इसे लिख दिखलाता
इतनी बडी खुशी पर भला
अकेला कैसे कलम चलाता
यह तो एक ऐसा अवसर जानो
हिंद सामुहिक खुशी मनाता
इसीलिए ही सांझा संकलन का
विचार मेरे मन को यह भाता
पाक सेना का आत्म समर्पण
शीर्षक पुस्तक का रखवाया
इसी विषय पर कविता देना
सबसे यही अनुरोध लगाया
एक दो कवि सच पुछे तो
विषय पर नहीं लिख पाया
ई सम्मान पत्र फिर भी मैनें
सभी लेखकों को दिलवाया
इस अवसर पर कविताएँ भी
संकलित करे किया आहवान
अनेक कवि कवयित्रियों को
मैसेज भेजा गया इस दौरान
लगभग पचपन कवि कवयित्री
हैं रुची दिखाएं इस पर जान
सिंगार पर हैं सौ लिखने वाले
शहीदों पर लिखते कम मान
इसमें कविता देने वालो को
पृकट करता दिल से आभार
यह साक्षात किया स्पष्ट आपने
भारतीय सेना से तुम्हें प्यार
कलम शहीद पर चल न पाए
हैं उसका लिखना ही बेकार
आप सभी के ही सहयोग से
यह सांझा संकलन हैं तैयार
कलमकार हो कलम चलाओ
लेकिन पहले शहीद आवाम
उसके बाद यदि लिखने पाए
अध्यात्म श्रीकृष्ण व श्रीराम
उसके बाद समाज और शिक्षा
लिखने के विषय भरे तमाम
अशोक कुमार जाखड़ निस्वार्थी
निष्पक्ष लिखाई उत्तम काम
Currently there are no reviews available for this book.
Be the first one to write a review for the book निस्वार्थी: पाक सेना का आत्म समर्पण.