You can access the distribution details by navigating to My Print Books(POD) > Distribution

Add a Review

मृत्युभोज और समाज : वरदान या अभिशाप

ऋषभ कुमार
Type: Print Book
Genre: Sapiential Novel
Language: Hindi
Price: ₹250 + shipping
Price: ₹250 + shipping
Dispatched in 5-7 business days.
Shipping Time Extra

Description

"मृत्युभोज और समाज: वरदान या अभिशाप" लेखक ऋषभ कुमार द्वारा रचित एक अत्यंत संवेदनशील और विचारोत्तेजक सामाजिक उपन्यास है। यह उपन्यास भारतीय ग्रामीण समाज की उस कुप्रथा को उजागर करता है जिसे सदियों से परंपरा और धर्म का नाम देकर समाज के गरीब तबकों पर बोझ की तरह थोपा जाता रहा है — मृत्युभोज।

लेखक ने इस कहानी के माध्यम से यह सवाल उठाया है कि क्या मृत्युभोज वास्तव में श्रद्धांजलि है या यह केवल दिखावे की एक रस्म है? क्या यह परंपरा आज भी सार्थक है या फिर यह केवल एक सामाजिक अभिशाप बनकर रह गई है?

अजय, इस उपन्यास का मुख्य पात्र, साहस के साथ इस सामाजिक बुराई के खिलाफ खड़ा होता है। वह मृत्यु के बाद मृत्युभोज न करने का निर्णय लेता है और पूरे समाज से सवाल करता है। यह कहानी केवल अजय की नहीं, बल्कि हर उस व्यक्ति की आवाज है जो बदलाव लाना चाहता है लेकिन सामाजिक दबावों के कारण खामोश रहता है।

इस उपन्यास में लेखक ने पारंपरिक सोच और नई पीढ़ी की मानसिकता के टकराव को बहुत ही गहराई से चित्रित किया है। कहानी आपको समाज के उन पहलुओं से भी परिचित कराती है जिन्हें अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है।

यह उपन्यास आपको मजबूर करेगा कि आप भी अपने आसपास की परंपराओं और सामाजिक रीतियों पर सोचें, सवाल करें, और बदलाव की शुरुआत करें।

About the Author

ऋषभ कुमार एक युवा, संवेदनशील और सामाजिक सरोकारों से जुड़े लेखक हैं, जो अपनी लेखनी के माध्यम से समाज की जमीनी सच्चाइयों को उजागर करने का सतत प्रयास करते हैं। बिहार के एक छोटे से गाँव में जन्मे ऋषभ ने न केवल ग्रामीण जीवन को निकट से जिया है, बल्कि समाज में व्याप्त कुरीतियों, परंपराओं और बदलाव की आवश्यकता को गहराई से महसूस भी किया है।

उनकी लेखनी में समाज को आईना दिखाने की क्षमता है। वे अपनी पुस्तकों के माध्यम से उन अनछुए पहलुओं को उजागर करते हैं जिन पर अक्सर लोग चुप रहते हैं। उनका मानना है कि "लेखन केवल शब्दों का खेल नहीं, बल्कि समाज में बदलाव लाने का एक प्रभावी माध्यम है।"

ऋषभ कुमार वेब डेवलपमेंट, साइबर सुरक्षा, डिजिटल मार्केटिंग और इंटरनेशनल बिजनेस मैनेजमेंट में भी दक्ष हैं। इसके साथ ही, वे कई राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रमों और प्रतियोगिताओं में अपनी प्रभावशाली भूमिका निभा चुके हैं।

प्रकाशित पुस्तकें:
दो लफ्ज़ (कविता संग्रह)

Cyber Security: A Comprehensive Perspective

From Idea to Impact: A Student’s Guide to Entrepreneurship

Intellectual Property Rights Unlocked: Your Rights, Your Power

The Entrepreneurial Women: Breaking Boundaries

मृत्युभोज और समाज: वरदान या अभिशाप

ऋषभ कुमार अपने लेखन के माध्यम से समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं और उनकी कहानियाँ न केवल पढ़ी जाती हैं, बल्कि महसूस भी की जाती हैं।

Book Details

ISBN: 9789334341768
Number of Pages: 176
Dimensions: 5"x7"
Interior Pages: B&W
Binding: Paperback (Perfect Binding)
Availability: In Stock (Print on Demand)

Ratings & Reviews

मृत्युभोज और समाज : वरदान या अभिशाप

मृत्युभोज और समाज : वरदान या अभिशाप

(Not Available)

Review This Book

Write your thoughts about this book.

Currently there are no reviews available for this book.

Be the first one to write a review for the book मृत्युभोज और समाज : वरदान या अभिशाप.

Other Books in Sapiential Novel

Shop with confidence

Safe and secured checkout, payments powered by Razorpay. Pay with Credit/Debit Cards, Net Banking, Wallets, UPI or via bank account transfer and Cheque/DD. Payment Option FAQs.