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ये पुस्तक क्यों खरीदें अगर यह आपको प्रेरित करने या आपके मन में एक अविस्मरणीय छाप छोड़ने के लिए नहीं जा रही है? खैर, यह सिर्फ इस तरह की कविताओं का संग्रह है जिसे आप न तो रखना चाहते हैं और न ही आने वाले लंबे समय के लिए भूल सकते हैं। केवल इसलिए कि यह उन मानवीय भावनाओं को दर्शाती हैं जो हम सब की भावनाओं का सार हैं
कुछ कविताओं का सार
बापू :
हमारे जातीय जीवन के प्रसंग में राष्ट्रपिता बापू जिस स्थान पर खड़े हैं. उन्हें कभी भी भुलाया नहीं जा सकता है. हमारे जेहन में बापू के इर्द-गिर्द कल्पना वर्षों से मंडरा रही थी. लेकिन मेरी तूलिका बहुत ज्यादा करने में असमर्थ थी. लेकिन पूरी शिद्दत के साथ इस बार जो कुछ बन पड़ा, उसे पुस्तक का रूप दिया हूं. कविता का एक आध अंश ऐसा भी है, जिसे शायद स्वयं बापू भी पसंद ना करें. किंतु उनका एकमात्र रूप तो सत्य नहीं है, जिससे वे स्वयं मानते होंगे.
चंदा मामा
पौराणिक गाथाओं, लोक कथाओं एवं बाल गीतों में चांद का प्रयोग एक संबोधन है. परिवार अथवा बाल कहानियों में बच्चों को बहलाने व रिझाने के लिए चांद को मामा के रूप में इस कविता में चित्रित किया गया है. यही नहीं इस कविता में चंदा मामा के संबंध में कहा गया है कि उतर रही है नई नवेली, दुल्हन सा बन चांदनी, गाओ स्वागत गान सभी, तभी सुनाएगी राग सुरीली.
हमें मिल गई आजादी
देश के आजाद होने पर अपने भावों की काव्यात्मक अभिव्यक्ति प्रदर्शन ही 'हमें मिल गई आजादी' कविता का मूल ध्येय है. इसके माध्यम से जनहित में नवचेतना व नव ज्ञान को जागृत करते हुए, समाज में फैला ईर्ष्या-द्वेष के विभेद को खत्म करना है. ताकि नव रोशनी के साथ समाज के हर तबके के लोग आजादी का सही मतलब जान सके.
तिरंगा
भारतीय आन बान शान का प्रतीक तीन रंगों वाला राष्ट्रीय ध्वज 'तिरंगा' कविता के माध्यम वतन की खुशबू से रूबरू कराया गया है. ताकि हमारी अगली पीढ़ी भारतीय शौर्य गाथा, सिपाहियों व स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानियों को जान सके. क्योंकि लाल पीले नीले गगन में, चहक रहा है शौर्य हमारा.
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