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विजय वल्लरी

मेरे मन तरंग
डॉ विजय शंकर
Type: Print Book
Genre: Poetry
Language: Hindi
Price: ₹199 + shipping
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Description

ये पुस्तक क्यों खरीदें अगर यह आपको प्रेरित करने या आपके मन में एक अविस्मरणीय छाप छोड़ने के लिए नहीं जा रही है? खैर, यह सिर्फ इस तरह की कविताओं का संग्रह है जिसे आप न तो रखना चाहते हैं और न ही आने वाले लंबे समय के लिए भूल सकते हैं। केवल इसलिए कि यह उन मानवीय भावनाओं को दर्शाती हैं जो हम सब की भावनाओं का सार हैं
कुछ कविताओं का सार
बापू :
हमारे जातीय जीवन के प्रसंग में राष्ट्रपिता बापू जिस स्थान पर खड़े हैं. उन्हें कभी भी भुलाया नहीं जा सकता है. हमारे जेहन में बापू के इर्द-गिर्द कल्पना वर्षों से मंडरा रही थी. लेकिन मेरी तूलिका बहुत ज्यादा करने में असमर्थ थी. लेकिन पूरी शिद्दत के साथ इस बार जो कुछ बन पड़ा, उसे पुस्तक का रूप दिया हूं. कविता का एक आध अंश ऐसा भी है, जिसे शायद स्वयं बापू भी पसंद ना करें. किंतु उनका एकमात्र रूप तो सत्य नहीं है, जिससे वे स्वयं मानते होंगे.

चंदा मामा
पौराणिक गाथाओं, लोक कथाओं एवं बाल गीतों में चांद का प्रयोग एक संबोधन है. परिवार अथवा बाल कहानियों में बच्चों को बहलाने व रिझाने के लिए चांद को मामा के रूप में इस कविता में चित्रित किया गया है. यही नहीं इस कविता में चंदा मामा के संबंध में कहा गया है कि उतर रही है नई नवेली, दुल्हन सा बन चांदनी, गाओ स्वागत गान सभी, तभी सुनाएगी राग सुरीली.

हमें मिल गई आजादी
देश के आजाद होने पर अपने भावों की काव्यात्मक अभिव्यक्ति प्रदर्शन ही 'हमें मिल गई आजादी' कविता का मूल ध्येय है. इसके माध्यम से जनहित में नवचेतना व नव ज्ञान को जागृत करते हुए, समाज में फैला ईर्ष्या-द्वेष के विभेद को खत्म करना है. ताकि नव रोशनी के साथ समाज के हर तबके के लोग आजादी का सही मतलब जान सके.

तिरंगा
भारतीय आन बान शान का प्रतीक तीन रंगों वाला राष्ट्रीय ध्वज 'तिरंगा' कविता के माध्यम वतन की खुशबू से रूबरू कराया गया है. ताकि हमारी अगली पीढ़ी भारतीय शौर्य गाथा, सिपाहियों व स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानियों को जान सके. क्योंकि लाल पीले नीले गगन में, चहक रहा है शौर्य हमारा.

About the Author

डॉ विजय शंकर : प्राथमिक शिक्षा एवं माध्यमिक शिक्षा बभनगामा से, इंटरमीडिएट, स्नातक (प्रतिष्ठा), स्नाकोत्तर, बी०एड०, एल०एल०बी० एवं पी०एच०डी० पटना (बिहार) करने के बाद वर्त्तमान में आर०एल० सर्राफ उच्च विद्यालय देवघर (झारखंड) में सहायक शिक्षक के पद पर पदस्थापित हैं.
गद्य-पद्य और मिश्रित लेखन शैली के मालिक डॉ विजय शंकर का विभिन्न दैनिक समाचार पत्रों में सम-सामयिक विषयों पर आलेख, छात्रोपयोगी सुझाव, शैक्षणिक विचार प्रकाशित होते रहते हैं.ये सोशल मीडिया पर बहुत ही सक्रिय हैं, और नियमित रूप से कवियों, लेखकों के रचनाओं, धर्म और अध्यात्म एवं समसामयिक कविताओं पे अपने विचार व्यक्त करते रहते हैं.
भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई जी के अनन्य भक्त हैं. इन्होंने उनके नाम पर अटल लैंग्वेज लैब की स्थापना हिन्दी, संस्कृत और अंग्रेजी भाषा में पारंगतता के लिए की है.लेखन और शिक्षा के क्षेत्र में काम करने के कारण विक्रमशिला विश्वविद्यालय से विद्या सागर सम्मान, देवघर के लगभग सभी काव्यमंच पर सम्मान प्राप्त हो चुका है.

ये इनकी पहली कविताओं का संग्रह है, जो विभिन्न विषयों पे इनकी सोच को दर्शाता है.

Book Details

Publisher: rmepublish
Number of Pages: 60
Dimensions: 5.5"x8.5"
Interior Pages: B&W
Binding: Paperback (Perfect Binding)
Availability: In Stock (Print on Demand)

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