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"स्त्री विमर्श और साहित्य के सरोकार" by डॉ. सिंधु सुमन:
"स्त्री विमर्श और साहित्य के सरोकार" एक विचारपूर्ण और गहन पुस्तक है, जो स्त्री विमर्श के विभिन्न आयामों को साहित्य के संदर्भ में विश्लेषित करती है। डॉ. सिंधु सुमन ने इस कृति में स्त्री की सामाजिक, मानसिक और सांस्कृतिक अस्मिता को साहित्य के माध्यम से व्यक्त किया है। यह पुस्तक स्त्री के संघर्ष, उसके अधिकारों की लड़ाई, और उसकी स्थिति में बदलाव को साहित्यिक दृष्टिकोण से समझने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
लेखिका ने स्त्री विमर्श को केवल एक सामाजिक आंदोलन के रूप में नहीं, बल्कि साहित्यिक संवाद और साहित्य के सरोकार के रूप में प्रस्तुत किया है। पुस्तक में स्त्री के संदर्भ में साहित्यिक दृष्टिकोण से हुए बदलावों का भी विस्तृत विवेचन किया गया है। यह उन स्त्री लेखिकाओं और विचारकों का सम्मान करती है जिन्होंने समाज में स्त्री की आवाज़ को मुखर किया है।
"स्त्री विमर्श और साहित्य के सरोकार" उन सभी पाठकों के लिए है जो स्त्री के समाज में बदलते स्थान और उसकी आवाज़ को साहित्य के माध्यम से समझने में रुचि रखते हैं। यह पुस्तक साहित्य में स्त्री विमर्श को नई दिशा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कार्य है।
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