You can access the distribution details by navigating to My Print Books(POD) > Distribution
इस पुस्तक
"कलम और भावनाएं"
में कवियित्री ने समाज के विभिन्न विषयों पर अपनी सोच और भावनाओं को मोती में पिरोए हुए शब्दों की माला बना कर प्रस्तुत किया हैं! उसने सच्चाई को अपने शब्दों के माध्यम से समाज के सम्मुख प्रस्तुत करने का पूरा प्रयास किया है!!
अपेक्षा करती हूं कि आप मेरी रचनाओं को अवश्य ही सराहेंगे और सर्वदा मुझे प्रोत्साहित करेंगे!!
Currently there are no reviews available for this book.
Be the first one to write a review for the book कलम और भावनाएं –“भावपूर्णम: भाग-2”.