You can access the distribution details by navigating to My Print Books(POD) > Distribution

Add a Review

मेरी दीवानी ( काव्य संग्रह ), meri diwani

काव्य संग्रह
प्रवीण रावत
Type: Print Book
Genre: Poetry
Language: Hindi
Price: ₹150 + shipping
Price: ₹150 + shipping
Dispatched in 5-7 business days.
Shipping Time Extra

Description

यह पुस्तक अलग अलग विषयों में लिखी गयी कविताओं का संग्रह है . आजादी की याद और महात्मा गांधी के समय के भारत की आज के भारत के साथ तुलना की गयी है तो उत्तराखंड में आई आपदा को भी कविता में दर्शाया है . आज के युवाओं का सबसे पसंदीदा विषय प्यार को भी बखूबी कविता की माला में पिरोया है . इन कविताओं में विभिन्न रसों का समावेश है एवं व्यंग्यों के द्वारा भी कई ऐसे विषयों की चर्चा है जिनको जानना हमारे लिए आवश्यक है ..
उदाहरण के तौर पर निम्नलिखित कविताओं के अंशो को पड़े

1.मेरी दीवानी

मेरे रग रग में ,
तेरी ही रवानी है |
मेरी हर नब्ज़ बस,
तेरी ही दीवानी है ||
होठों पे तेरा नाम,
आँखों में तेरा ही पानी है |
मेरा हर गीत बयां करता,
बस एक तेरी कहानी है ||
मेरे मन मंदिर में बसा ,
एक तेरा नाम रूहानी है |
तेरी हर इक बात,
याद मुझे जुबानी है ||

2.स्वतंत्रा दिवस :हमारा गौरव

लाल रक्त से धरा नहाई,
श्वेत नभ पर लालिमा छायी |
आजादी के नव उद्घोष पे ,
सबने वीरो की गाथा गायी ||

गाँधी ,नेहरु ,पटेल , सुभाष की ,
ध्वनि चारो और है छायी |
भगत , राजगुरु और , सुखदेव की
क़ुरबानी से आँखे भर आई ||

ऐ भारत माता तुझसे अनोखी ,
और अद्भुत माँ न हमने पायी |
हमारे रगों में तेरे क़र्ज़ की ,
एक एक बूँद समायी ||

3.केदारनाथ प्रलय

ना जाने क्यों बरस पड़े,
वो इन्द्र देव इन पहाड़ो पर |
नष्ट हुआ हर ज़रा-ज़रा ,
दरार पड़ी दीवारों पर ||

देख इस जल का जलजला ,
बिजली कौंध पड़ी नजारो पर |
छोड़ गया इस बर्बादी को,
वो न जाने किन सहारों पर ||

राहत सामग्री की जगह देखो,
नेता आए जहाजों पर |
नीचे का मंजर देखा तो ,
लाशें पड़ी थी दरवाजो पर ||

About the Author

प्रवीण रावत
केमिकल इंजीनियरिंग के छात्र है
यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एंड एनर्जी स्टडीज से
जन्म: चमोली गढ़वाल ( उत्तराखंड )
वर्तमान स्थान ( देहरादून )
कविता लिखने का शौक बचपन से है और आज ये शौक अब एक ऐसा लक्ष्य बन गया है जिसका उद्देश्य कविताओं के माध्यम से समाज में बदलाव लाना है . साथ ही साथ कविताओं के उस पुराने इतिहास को भी वापस अब एक नए कलेवर में लाना है

Book Details

Number of Pages: 67
Dimensions: 5"x7"
Interior Pages: B&W
Binding: Paperback (Perfect Binding)
Availability: In Stock (Print on Demand)

Ratings & Reviews

मेरी दीवानी ( काव्य संग्रह ), meri diwani

मेरी दीवानी ( काव्य संग्रह ), meri diwani

(Not Available)

Review This Book

Write your thoughts about this book.

Currently there are no reviews available for this book.

Be the first one to write a review for the book मेरी दीवानी ( काव्य संग्रह ), meri diwani.

Other Books in Poetry

Shop with confidence

Safe and secured checkout, payments powered by Razorpay. Pay with Credit/Debit Cards, Net Banking, Wallets, UPI or via bank account transfer and Cheque/DD. Payment Option FAQs.