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धीरे - धीरे घटता चाँद

धीरे - धीरे घटता चाँद

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2 Customer Reviews

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Jitu9199 4 months, 1 week ago

बहुत ही सुन्दर उपन्यास छोटा है परन्तु अच्छा है

उत्कृष्ट लेखनी बहुत ही अच्छा लिखा गया है जैसा की लेखक का पहले रचना है उसे प्रकार से पढ़ कर मन आनंदित हो गया बहुत ही सुंदर मदन मोहन यादव जी

आपके उज्जवल भविष्य का कामना करता हूं और यूं ही आप मुस्कुराते हंसते रहिए बहुत ही सुंदर धन्यवाद

Yadav Madan Mohan 4 months, 3 weeks ago

My First Book

धीरे-धीरे घटता चाँद
सिर्फ़ एक कहानी नहीं है —
यह उन आवाज़ों की गूंज है जो अक्सर घर के आँगन में रह जाती हैं।
सावित्री की यात्रा में हम अपनी माँ, दादी, और पड़ोस की किसी चुप औरत को देख सकते हैं।
यह किताब उन्हें समर्पित है — जो बोलती नहीं, पर सब कुछ कह जाती हैं।