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नजर लग जाएगी – मुरली के तीर

मुरली मनोहर श्रीवास्तव
Type: Print Book
Genre: Humor
Language: Hindi
Price: ₹275 + shipping
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Description

व्यंग्य रचनाएँ हमारे भीतर गुदगुदी ही पैदा नहीं करतीं बल्कि हमें उन सामाजिक वास्तविकताओं के आमने-सामने भी ला खड़ा करती हैं जिनसे हम आए दिन बावस्ता होते हैं। व्यंग्य लेखन समाज की पीड़ा को अभिव्यक्ति भी देता है और समाज को उद्वेलित करके उसे झिंझोड़ता भी है। असली व्यंग्य वही है जो अंतस को गहरे तक स्पर्श करे।
हिन्दी साहित्य में व्यंग्य की एक पुरानी परिपाटी रही है और संत साहित्य में भी व्यंग्य का पुट देखने को मिलता है। “कांकर पाथर जोरि कै मस्जिद लई चुनाय, ता चढ़ि मुल्ला बांगि दे क्या बहरा हुआ खुदाय”,
संत साहित्य में कबीर की व्यंग्य क्षमता का प्रमाण है। स्वतंत्रता प्राप्ति से पहले और बाद में भी हमारे देश में प्रचुर व्यंग्य लेखन हुआ है। हरिशंकर परसाई की रचनाएँ आज़ाद भारत का सृजनात्मक इतिहास कही जाती हैं। व्यंग्य को आज सामाजिक सर्तकता के हथियार के अलावा समाज के आक्रोश की अभिव्यक्ति के रूप में भी देखा जा रहा है।
इस लिहाज़ से देखा जाए तो जाने माने व्यंग्यकार मुरली श्रीवास्तव का व्यंग्य संग्रह- “नजर लग जाएगी " गज़ब की मारक क्षमता से लैस है। इसकी अधिकतर व्यंग्य रचनाएँ अपने लक्ष्य को भेदने में सक्षम मिसाईलें हैं, जिनके प्रहार से बच पाना नामुमकिन है। मुरली श्रीवास्तव ने एक कथाकार के रूप में
तो अपनी पुख़्ता पहचान बनाई ही है, लेकिन व्यंग्य को अपना औज़ार बनाकर कई चुटीली, नुकीली व भ्रष्ट तंत्र को तिलमिलाती रचनाएँ भी पाठकों को दी हैं। गुरमीत बेदी

About the Author

लेखक का परिचय

नाम: मुरली मनोहर श्रीवास्तव
पिता का नाम: श्री विजय कुमार श्रीवास्तव ( लब्धप्रतिष्ठ साहित्यकार इलाहाबाद)
जन्मस्थान: इलाहाबाद
अध्ययन : बी.ई. मैकेनिकल इंजीनियरिंग (जामिया मिलिया इस्लामिया नई दिल्ली से)
प्रकाशन : नवभारत टाइम्स, दैनिक जागरण, हिंदुस्तान दैनिक, अमर उजाला, राष्ट्रीय सहारा, नई
दुनिया, मेरे सहेली, जागरण सखी सहित विभिन्न दैनिक व पत्रिका में एक हज़ार से अधिक रचनाएँ
प्रकाशित तथा निरंतर प्रकाशन जारी है।
अभी तक लिखी कहानियाँ मेरी सहेली, जागरण सखी व दैनिक जागरण जैसी पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं।
व्यंग्य लेखक के रूप में विशिष्ट पहचान हिन्दी की सभी प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित। अमर उजाला व राष्ट्रीय सहारा
में नियमित कॉलम।

पुस्तकें :
1. सत्य जीतता है (हिन्दी अकादमी दिल्ली से प्रकाशित),
2. सम्भावना (साहित्य वीथी दिल्ली से प्रकाशित, वर्ष -2017 फ़्लिप कार्ट व अमेज़न दोनों पर उपलब्ध)
3. Posibility ( English translation of Sambhavana By Deepak Danish )on kindle
4 . गुरु गूगल दोऊ खड़े pustakbazaar.com द्वारा प्रकाशित
5 . क्षमा करना पार्वती pustakbazaar.com द्वारा प्रकाशित
6.ख्वाबों की जिंदगी और 63 कविता
7. वह मैं हूँ
8.घोडा ब्रांड क्रिकेटर मेरे 71 व्यंग्य
9. दर्द और ख्वाब
10. दर्द के इम्यूनिटी बूस्टर्स
11. मुरली की दुनियाँ – ब्लग कलेक्शन
12 .जीत गए तुम
13 .ठहरो अभी तो जीना शुरू किया है
14 .I have just begun to be Translation of Abhi to jeena shuru kiya hai
15 .दरिया को मीठा रहना था
16. लास्ट कॉल – कहानी संग्रह
17 .कुछ तो कहता हूँ – I ब्लॉग कलेक्शन
18 .कुछ तो कहता हूँ -II ब्लॉग कलेक्शन
19. फरिश्ते
20. चाँद पर राइटर पेंटर और आर्टिस्ट भेज...
21. Pain & Dream
22. काश मैं ऐसा इंजीनियर होता

संप्रति : हर समय कुछ करते रहने की इच्छा का बने रहना व पाठकों द्वारा प्रदान किए जाने वाला स्नेह ही मेरे लिखने का आधार है ।

Book Details

Publisher: Pothi
Number of Pages: 203
Dimensions: 5.5"x8.5"
Interior Pages: B&W
Binding: Paperback (Perfect Binding)
Availability: In Stock (Print on Demand)

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