Ratings & Reviews

ख्वाबों की जिंदगी 63  कवितायें

ख्वाबों की जिंदगी 63 कवितायें

(5.00 out of 5)

Review This Book

Write your thoughts about this book.

1 Customer Review

Showing 1 out of 1
Murli Srivastava 4 years, 2 months ago Verified Buyer

शानदार राईटर की बेहतरीन बुक

वाह क्या लिखते हैं मुरली जी ,
सालों से पढ़ रहा हूँ । एक से बढ़ कर एक कवितायें , दिल छू लेती हैं ।
जब वो लिखते हैं तो लगता है आज की बात कह रहे हैं । ऐसे ही पूरी पुस्तक भीतर तक मन में बस जाती है ।
मिलने को चले,
और मिल भी लिए,
लेकिन,
कौन, किससे,
कब और कैसे,
नजर मिलाये,
यह सवाल अधूरा सा,
मिलन के बीच में हमेशा खड़ा रहा।