मजा आ गया पढ़ कर एक से एक व्यंग्य । मुद्दत बाद स्तरीय हास्य पढ़ने को मिला । किताब दिल को गुदगुदा गई । फेसबुकिया लफड़े , आफिस रस और हाय रे एक छुट्टी ने हंसा हंसा के पागल कर दिया कई बार पढ़ा इन्हें मैंने ।
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गुरू गूगल हा हा हा क्या बात है
मजा आ गया पढ़ कर एक से एक व्यंग्य ।
मुद्दत बाद स्तरीय हास्य पढ़ने को मिला ।
किताब दिल को गुदगुदा गई । फेसबुकिया लफड़े , आफिस रस और हाय रे एक छुट्टी ने हंसा हंसा के पागल कर दिया कई बार पढ़ा इन्हें मैंने ।