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कर्म करो फल की चिंता मत करो

श्रीकृष्ण के कर्मयोग से चिंता, डर और आसक्ति से मुक्त होकर जीवन बदलने की कला
Sanjay Kumar Soni
Type: Print Book
Genre: Self-Improvement, Religion & Spirituality
Language: Hindi
Price: ₹349 + shipping
This book ships within India only.
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Description

क्या आप चिंता, डर, असुरक्षा और मन की उलझनों से परेशान हैं?
क्या आप शांति, संतुलन और स्पष्टता की तलाश में हैं?

यह पुस्तक — "कर्म करो फल की चिंता मत करो" — श्रीकृष्ण के कर्मयोग को आधुनिक भाषा, सरल उदाहरणों और गहरे आध्यात्मिक दृष्टिकोण से समझाती है। किताब का उद्देश्य है आपको ऐसी मानसिक शक्ति देना जिससे आप जीवन को हल्का, शांत और सार्थक बना सकें।

यह पुस्तक आपको क्या सिखाती है?
1. चिंता का वास्तविक स्रोत

चिंता कोई परिस्थिति नहीं, बल्कि मन की आदत है।
इस पुस्तक में बताया गया है कि मन कैसे कल्पना से भय बनाता है और कर्मयोग इसे कैसे समाप्त करता है।

2. कर्म की असली परिभाषा

कर्म सिर्फ शरीर से किया गया काम नहीं है—
बल्कि विचार, वाणी और क्रिया, तीनों ही कर्म हैं।
यह पुस्तक बताती है कि आपका आंतरिक मन आपके बाहरी परिणामों को कैसे बनाता है।

3. निष्काम कर्म का सिद्धांत

इच्छा रखना स्वाभाविक है, पर अपेक्षा दुख का कारण है।
श्रीकृष्ण का संदेश—
"मेहनत तुम्हारा अधिकार है, पर फल तुम्हारे बस में नहीं”—
आपको मानसिक स्वतंत्रता देता है।

4. मन और कर्म का संबंध

मन के गुण (सत्व, रज, तम) जीवन की दिशा तय करते हैं।
पुस्तक आपको मन को संतुलित करने के तरीके देती है।

5. आसक्ति और दुख का विज्ञान

दुख कर्म से नहीं, बल्कि आसक्ति से होता है।
जब व्यक्ति “पकड़ छोड़ना” सीख जाता है, तब शांति अपने आप आ जाती है।

6. भाग्य और कर्म का संतुलन

पुस्तक स्पष्ट करती है कि भाग्य स्थिर नहीं है—
आपके कर्म से वह बदलता है।
यह अध्याय reader को गहरी clarity देता है।

7. उद्देश्य, आत्मज्ञान और जीवन की दिशा

किताब आत्मज्ञान, समर्पण और मानसिक शक्ति के पहलुओं को सरल तरीके से समझाती है।
यह अध्याय reader को साबित करता है कि सही मानसिकता से जीवन किसी भी क्षण बदला जा सकता है।

यह किताब किन लोगों के लिए है?

✔ जो चिंता, तनाव और overthinking से जूझ रहे हैं
✔ जो गीता को सरल भाषा में समझना चाहते हैं
✔ जो मन को शांत करना चाहते हैं
✔ जो जीवन में clarity और purpose ढूँढ रहे हैं
✔ जो आध्यात्मिकता और आधुनिक जीवन का संतुलन चाहते हैं
✔ युवा, नौकरीपेशा, विद्यार्थी, माता-पिता—सबके लिए उपयोगी

इस पुस्तक की खासियतें:

✔ सरल, सुंदर और भावनात्मक भाषा
✔ हर अध्याय में कहानी, उदाहरण और सीख
✔ आधुनिक जीवन में कर्मयोग को लागू करने के तरीके
✔ मानसिक शांति और आत्मविश्वास बढ़ाने वाले अभ्यास
✔ आध्यात्मिकता + मनोविज्ञान का perfect combination

यह किताब सिर्फ ज्ञान नहीं देती—
यह जीवन जीने की एक शैली सिखाती है।

About the Author

संजय कुमार सोनी एक ऐसे लेखक हैं जो आध्यात्मिकता, जीवन-दर्शन और व्यक्तिगत विकास को सरल और मानवीय भाषा में प्रस्तुत करते हैं।
उनका लेखन आधुनिक जीवन की समस्याओं—चिंता, तनाव, असुरक्षा और दिशाहीनता—का समाधान गीता और भारतीय दर्शन के माध्यम से प्रदान करता है।

उनकी शैली भावनात्मक, स्पष्ट और प्रेरक है, जो पाठकों के मन को गहराई से छूती है।
यह पुस्तक उनके अनुभव, चिंतन और आध्यात्मिक खोज का परिणाम है।

Book Details

Publisher: Sanjay Kumar Soni - Self Publishing
Number of Pages: 180
Dimensions: A5
Interior Pages: B&W
Binding: Paperback (Perfect Binding)
Availability: In Stock (Print on Demand)

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