You can access the distribution details by navigating to My Print Books(POD) > Distribution
पहला पन्ना एक पहला पन्ना नहीं बल्कि एक किताब है। जिसमें मेरा और आपका नहीं हम सबका यथार्थ ख्वाब है।
यह किताब सिर्फ और सिर्फ एक किताब नहीं बल्कि संस्कृति, भाषा, प्रेम, समाज, लोग, विचार, देश, समस्या का एक बेजोड़ आवाज है। यह ऐसी भावना है जो मिट्टी के असली महक को नकली लोग के सामने लाकर उन्हें आकर्षित करती है।
यह एक अमिट सोच का संग्रह है जिस पर युवा टिका हुआ है। इस संग्रह में उस गली कि चीख और आहें भी सुनाई देगी जो आज भी अनजान हैं। उन अरबों जनता का आवाज है यह किताब जो जिनकी आवाज़ बनने में आम आदमी डरता है। इस संकलन के माध्यम से आलोक रंजन द्वारा रचित श्रेष्ठ रचनाओं को शामिल किया गया है। किताब में आपको कई तरह के दृश्य मिलेंगे प्रगतिशील, मानवतावादी, देशप्रेम, प्रेरक दृष्टि से पूर्ण कविताएं मिलेंगी जो मानव और युवाओं को विकसित होने के लिए मजबूर कर देगी।
Currently there are no reviews available for this book.
Be the first one to write a review for the book Pehla Panna.