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यह पुस्तक Jiddu Krishnamurti के विचारों पर एक गहराई से आधारित अनुसंधान है, जिसमें निम्नलिखित विषयों की विस्तार से विवेचना की गई है:
Spirituality without Belief – क्या अध्यात्म संभव है बिना किसी आस्था या परंपरा के?
Morality beyond Conditionings – नैतिकता का क्या मतलब है जब समाज की परछाइयाँ हट जाएँ?
Truth and Illusion – क्या सत्य खोजने से मिलता है, या केवल 'देखने' से?
Religion vs. Religious Mind – धर्म और धार्मिक मन में क्या अंतर है?
Freedom and Self – क्या सच्ची स्वतंत्रता 'स्व' के अंत से शुरू होती है?
हर अध्याय में तुलना की गई है Krishnamurti की सोच की:
अद्वैत वेदांत (Advaita Vedanta)
माध्यमिक शून्यवाद (Madhyamika Shunyavad)
अनेकांतवाद (Anekantavad)
यह सिर्फ दर्शन नहीं — एक आत्मिक साक्षात्कार है।
यह किताब उन्हें समर्पित है जो सत्य की खोज में हैं, लेकिन उसे किसी परिभाषा में बाँधना नहीं चाहते।
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