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बपौति हक़: सार्वभौमिकता की पृष्टभूमि पर इस पृथ्वी के हरेक जीव को स्वतंत्र जीवन-यापन करने का, उसे जन्म सिद्ध अधिकार प्राप्त है। इस सहजता को कुछ लोग असहज बनाने या बनाये रखने की धूर्त चेष्टा करते चलते हैं। इसके लिए तरह-तरह के षड़यंत्र रचते चलते हैं। हमारा मानना है कि ये नाटक जन-साधारण को सजग व सचेत करने में सहायता प्रदान करेगी। वस्तुत: इस नाटक में विश्व सम्पति के उपभोग को लेकर जो विषमतायें हैं, उसको दृष्टिगोचर करने का प्रयास किया गया है।
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