यायावर - The Wanderer, an amazing poetical work outstandingly wonderful. Have gone through the Hindi part & about to start the English part. Although every creation is full of emotions and very deep, I'd mention certain highlights :
1. लक्ष्य -
चलो पार्थसारथी का संगम हो भी गया
किंतु लक्ष्य ही भ्रमित हो जाए... तो?
ऐसी स्थिति में लक्ष्य क्या है
उसे जानना ही लक्ष्य हो जाता है
2. जुर्रत -
सिरहाने ख्वाब के सोने की जुर्रत की है
लकीरें हाथ की मिटाने की हिम्मत की है
3. आरज़ू -
उम्मीद के तवे पर ख्वाब कुछ पकाये
4. जानते हो मानते नहीं -
आज के संदर्भ में सत्य क्या है
जो ज़ोर से कहा गया या ज़्यादा लोगों द्वारा कहा गया
5.पूर्व या पश्चिम-
भूल जाते हो कि पश्चिम तो
मानवता का शैशव काल है
The list is endless.....
Absolutely superlative work.
Re: Yayawar (The Wanderer)
"शाश्विता" the context between Father and his Daughter (which is may be poetess itself) is the most heart touching poem.
Awesome written with deep meanings.
A book with complete package of emotions and meanings of life within its poems.
well done Yayawar.