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क्या सच में गलत वही है, जिसे समाज गलत कहता है?
या फिर गलत वे चीज़ें हैं जिन्हें हम बिना सोचे-समझे पीढ़ियों से ढोते जा रहे हैं?
कभी-कभी गलत वही मान लिया जाता है, जिसे बहुसंख्यक गलत कह दें – पर क्या वही सचमुच गलत होता है?
यह किताब एक साधारण से दिखने वाले लेकिन असाधारण विचारों वाले मास्टर साहब की जीवन-यात्रा और उनके गहरे दर्शन पर आधारित है।
मास्टर साहब ने हमें सिखाया कि सच्चा ज्ञान केवल किताबों में नहीं, बल्कि समाज की रूढ़ियों पर सवाल उठाने और मानवता को समझने में है।
इस किताब में आपको मिलेगा –
मास्टर साहब के अनुभवों और विचारों का अनमोल संग्रह
जीवन और समाज को नए दृष्टिकोण से समझने की प्रेरणा
रूढ़ियों और कुरीतियों को चुनौती देने का साहस
एक ऐसी कहानी जो हर पाठक को अपने भीतर झाँकने पर मजबूर करेगी
यह किताब सिर्फ मास्टर साहब की कहानी नहीं है, बल्कि हम सबकी कहानी है –
हमारे सवालों, हमारे संघर्षों और हमारे समाज की सच्चाई की कहानी।
Best Book to Understand the Humanity
In the current scenario when the humanity is mostly lost ,this book is h medium of to give life again to that humanity, I really appreciate to read this book and also recommend you all to must read this book , once in your life.