You can access the distribution details by navigating to My Print Books(POD) > Distribution
अनंत ब्रह्मांड की विराट गहराइयों में...
एक ऐसा युद्धक्षेत्र फैला है जो मर्त्य मन की समझ से परे है। यहाँ सौरमंडल केवल ग्रहों और तारों का समूह नहीं, बल्कि स्वतंत्र राज्य हैं - प्रत्येक पर एक प्रभु का शासन, एक ऐसी सर्वशक्तिमान सत्ता जिसमें अपने क्षेत्र के रक्षक योद्धाओं को सृजित करने और नियंत्रित करने की शक्ति विद्यमान है।
इन्हीं में विद्यमान है लॉर्ड अवित्र - पंचम सौरमंडल के परमशक्तिशाली स्वामी, उसके संरक्षक और संहारक। किंतु ब्रह्मांड के उन अदृश्य कोनों में, कुछ ऐसी शक्तियाँ भी विद्यमान हैं जो इस सूक्ष्म संतुलन को भंग करने पर आमादा हैं।
एक प्राचीन युद्ध पुनः जागृत होने वाला है। एक ऐसा संग्राम जो न केवल किसी एक सौरमंडल, बल्कि समस्त आकाशगंगा के भाग्य का निर्णय करेगा। और यह सब प्रारंभ होता है एक घटना से - लॉर्ड अवित्र के शासन को उखाड़ फेंकने आतुर एक शत्रु सेना के आगमन से। उनका एकमात्र लक्ष्य? पंचम सौरमंडल को अपने स्वामी के अधीन करना।
जैसे ही सौरमंडल के योद्धा अपनी धरती की रक्षा हेतु संगठित होते हैं, एक भयावह सत्य उजागर होता है - यह आक्रमण तो केवल एक प्रारंभिक छेड़छाड़ मात्र है। वास्तविक खतरा तो इस युद्धक्षेत्र से परे, अंतरिक्ष की उन गहराइयों में छुपा बैठा है जहाँ एक अतुलनीय शक्ति, किसी भी योद्धा से असंख्य गुना प्रबल, अंधकार में छिपी... निरीक्षण कर रही है... और उचित क्षण की प्रतीक्षा कर रही है।
और इस प्रकार, इस ब्रह्मांडीय इतिहास के सर्वाधिक भीषण युद्ध का आरंभ होने वाला है।
क्या आप इस अस्तित्व-संघर्ष के साक्षी बनने को तैयार हैं?
Currently there are no reviews available for this book.
Be the first one to write a review for the book लॉर्ड अवित्र और उसके योद्धा.