20.04.1964 को कानपुर में जन्में अनूप शुक्ल ने शुरुआती पढ़ाई कानपुर में करने के बाद मोतीलाल नेहरू रीजनल इंजीनिरिंग कालजे इलाहाबाद से बी.ई. मेकेनिकल (1985) एवं बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट आफ टेकनालोज़ी से एम.टेक. (मशीन डिज़ाइन) की पढ़ाई करने के उपरांत भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के अन्तर्गत आयुध निर्माणियों में लगभग 36 वर्ष की सेवा की। अप्रैल,2024 में उप महानिदेशक के पद से सेवा निवृत्त।
पुलिया पर दुनिया, बेवकूफ़ी का सौंदर्य, सूरज की मिस्ड काल, झाड़े रहो कलट्टरगंज, घुमक्कड़ी की दिहाड़ी, आलोकि पुराणिक -व्यंग्य का एटीएम, अनूप शुक्ल-चयनित व्यंग्य रचनाएँ और बेवक़ूफ़ी का सफ़र प्रकाशित।
उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान से 'सूरज की मिस्ड काल' पर वर्ष 2017 का सच्चिदानंद हीरानंद वात्यायन 'अज्ञेय' सम्मान, 'घुमक्कड़ी की दिहाड़ी' पर वर्ष 2018 का बाबू गुलाब राय सम्मान।
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